कैलेब और केट : विलियम हिंदी पुस्तक | Kaleb Aur Kate : William Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : कैलेब और केट है | इस पुस्तक के लेखक हैं : William Steig | William Steig की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : William Steig | इस पुस्तक का कुल साइज 2.9 MB है | पुस्तक में कुल 31 पृष्ठ हैं |नीचे कैलेब और केट का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कैलेब और केट पुस्तक की श्रेणियां हैं : children
Name of the Book is : Kaleb Aur Kate | This Book is written by William Steig | To Read and Download More Books written by William Steig in Hindi, Please Click : William Steig | The size of this book is 2.9 MB | This Book has 31 Pages | The Download link of the book "Kaleb Aur Kate" is given above, you can downlaod Kaleb Aur Kate from the above link for free | Kaleb Aur Kate is posted under following categories children |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
चुडैल के पांव के पास अब एक बढ़ई की बजाए एक कुत्ता सो रहा था. कितना बढ़िया जादू है।” चुडैल ने खुद से कहा, क्योंकि अब चुडैल दिन भर के अपने कुकर्म पूरे कर चुकी थी इसँलिए वो खुशी-खुशी, गर्व के साथ अपनी गुफा में वापिस गई.
जब कैलेब की आँख खुली तो सूरज डूब चुका था. पहले उसने जम्भाई भरी, अपनी पीठ सीधी की और फिर अपनी बगल को सहलाया. अपने पैर के पंजे से? अरे! यह क्या हुआ! उसका मुंह खुला-का-खुला रह गया और वो बस घूरता ही रहा. जहाँ उसकी बेल्ट और पैन्ट होती, उस जगह पर अब कुत्ते के बालों वाले दो पैर थे!! | वो जल्दी से अपने पैरों पर खड़ा हुआ - चारों पैरों पर! वो बहुत इरा था. उसने मुड़कर खुद को देखने की कोशिश की. उसने जो देखा उसपर उसे यकीन नहीं हुआ. नहीं! नहीं! ऐसी चीजें नहीं होती हैं। बाप रे?"यह तो मैं, कैलेब ही हूँ,” उसे भान आया. "मैं कोई सपना नहीं देख रहा हूँ. अब मैं एक कुत्ता हूँ।