हिंदी ही क्यों : कमला देवी गर्ग हिंदी पुस्तक | Hindi Hi Kyon : Kamla Devi Garg Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हिंदी ही क्यों है | इस पुस्तक के लेखक हैं : kamla devi | kamla devi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : kamla devi | इस पुस्तक का कुल साइज 6 MB है | पुस्तक में कुल 323 पृष्ठ हैं |नीचे हिंदी ही क्यों का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिंदी ही क्यों पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, india
Name of the Book is : Hindi Hi Kyon | This Book is written by kamla devi | To Read and Download More Books written by kamla devi in Hindi, Please Click : kamla devi | The size of this book is 6 MB | This Book has 323 Pages | The Download link of the book "Hindi Hi Kyon" is given above, you can downlaod Hindi Hi Kyon from the above link for free | Hindi Hi Kyon is posted under following categories history, india |
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वीन स्फूर्तिका, चेतनाका संचार हो रहा है। अवरुद्ध कंठ वाण्टी मांग रहा है। स्वतंत्रता देगीढी वन्दना करनेके लिये । रोम-रोम पाणीकी भांति मुखरित हो उठा है, किन्तु पद स्वर्ग अवाक् है। उमे वह वाणी चाहिये-जिरासे दिगदिगन्त गुंज उठे, समवेत जयघोष हो और वई मुक्ति देग' की भारती उतारे ।
चिरकालसे भारतने स्वतन्त्रताको अर्चना पनी हो वाणी द्वारा की थी। जिस दिन पराघोन हुआ, उसी दिन निर्याक भी हो गया। विदेशी स्वामियकी भापाएँ मीनी पड़ी और उन्हीं के द्वारा उनको मुनःतुष्टिका भी प्रयास करना पड़ा। अन्तर्याइसे झुलस रहा था, शरीर सोखला हो गया था, अग शिथिल हो गए थे, सुपरफ़्त मुखरता भीपण मगम परिगतित हो गई थी, गई गुलाम जी था ।