लहर – जापानी लोककथा : मार्गरेट | Lehar – Japani Lokkatha : Margret के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : लहर - जापानी लोककथा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arvind Gupta | Arvind Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Arvind Gupta | इस पुस्तक का कुल साइज 2.6 MB है | पुस्तक में कुल 48 पृष्ठ हैं |नीचे लहर - जापानी लोककथा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | लहर - जापानी लोककथा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Lehar - Japani Lokkatha | This Book is written by Arvind Gupta | To Read and Download More Books written by Arvind Gupta in Hindi, Please Click : Arvind Gupta | The size of this book is 2.6 MB | This Book has 48 Pages | The Download link of the book "Lehar - Japani Lokkatha" is given above, you can downlaod Lehar - Japani Lokkatha from the above link for free | Lehar - Japani Lokkatha is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
गाँव के पीछे ही एक पहाड़ था. गाँव से पहाड़ की ओर एक सड़क जाती थी. सड़क ऊंची-नीची थी और उसके दोनों ओर धान के खेत थे. धान के। खेत ही लोगों की असली पूँजी थी. लोग अपने खेतों में बहुत मेहनत से काम करते थे. वे वसंत की बारिश में तर-बतर हो जाते थे. अपने श्रम से वो पहाड़ी को सुन्दर और हरा-भरा बनाते थे. कड़ी धूप में भी लोग चढ़ाई चढ़कर अपने खेतों की देखभाल करते. जब धान पककर सुनहरा हो जाता, तो लोग आपस में मिलकर धान की कटाई करते और खुशियाँ मनाते क्योंकि अब वो पूरे साल भर आराम से खा सकते थे.
उस पहाड़ पर - गाँव और समुद्र के ऊपर एक समझदार बूढ़ा आदमी रहता था. उसका नाम ओजिसान था - जापानी में उसका मतलब दादाजी था. ओजिसान के साथ उसका युवा पोता रहता था. पोते का नाम था -