भजन संग्रह पांचवा भाग : घनश्यामदास जालान | Bhajan Sangarah panchva bhag : Ghanshyamdas Jalan

भजन संग्रह पांचवा भाग : घनश्यामदास जालान | Bhajan Sangarah panchva bhag : Ghanshyamdas Jalan

भजन संग्रह पांचवा भाग : घनश्यामदास जालान | Bhajan Sangarah panchva bhag : Ghanshyamdas Jalan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भजन संग्रह पांचवा भाग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ghanshyamdas Jalan | Ghanshyamdas Jalan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2.0MB है | पुस्तक में कुल 168 पृष्ठ हैं |नीचे भजन संग्रह पांचवा भाग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भजन संग्रह पांचवा भाग पुस्तक की श्रेणियां हैं : music

Name of the Book is : Bhajan Sangarah panchva bhag | This Book is written by Ghanshyamdas Jalan | To Read and Download More Books written by Ghanshyamdas Jalan in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2.0MB | This Book has 168 Pages | The Download link of the book "Bhajan Sangarah panchva bhag" is given above, you can downlaod Bhajan Sangarah panchva bhag from the above link for free | Bhajan Sangarah panchva bhag is posted under following categories music |

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पुस्तक का साइज : 2.0MB
कुल पृष्ठ : 168

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(४९) राग भैरवी राम राम गाओ संतो, राम राम गाओ। राम-नाम गाइ-गाइ रामको रिझाओ । रामहिको नाम जपो, रामहिको ध्याओ । राम राम राम कहत प्रमुदित है जाओ ।। राम राम मुनि-सुनाइ हिय अति हुलसा ।। राम राम राम रटत सब विधि सुख पाओ ।। राम-नाम-मद्य पिओ,बिषय-मद भुलाओ । राम-सु-रस पीय-पीय तन-सुधि विसराओ । राम आदि, मध्य राम, राम अंत पाओ । राम अखिल जगतरूप राममें समा ।।
(५०) राग तिलककामोद करतलसों ताली देत, राम मुख बोली । बस जली तुरत पातक-पुंजैक होली ।

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