भजन संग्रह दूसरा भाग | Bhajan Sangarah dusra bhag

भजन संग्रह दूसरा भाग : घनश्यामदास जालान | Bhajan Sangarah dusra bhag : Ghanshyamdas Jalan

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इस पुस्तक का नाम : भजन संग्रह दूसरा भाग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ghanshyamdas Jalan | Ghanshyamdas Jalan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.8MB है | पुस्तक में कुल 196 पृष्ठ हैं |नीचे भजन संग्रह दूसरा भाग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भजन संग्रह दूसरा भाग पुस्तक की श्रेणियां हैं : music

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पुस्तक का साइज : 1.8MB
कुल पृष्ठ : 196

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भजौ सुत, साँचे स्याम पिताहि । जा के सरन जात ही मिटिहै।
दारुन दुखकी दाहि ॥ १ ॥ कृपावंत भगवंत सुने मैं ।
छिनि छौड़ी जिनि ताहि । | तेरे सकल मनोरथ पूजें
जो मथुरा लौं जाहि ॥ २ ॥ वै गोपाल दयाल दीन तु,
करिहैं कृपा निबाहि ।। | और न ठौर अनाथ दुखिनकौं
मैं देख्यौ जग मौहि ॥ ३ ॥ करुना बरुनालयकी महिमा
मोपै कही न जाहि । व्यासदासके प्रभुको सेवत
हारि भई कहू काहि ? ।। ४ ।।

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