आदर्श मानव ह्रदय | Aadarsh Manav Hridaya के बारे में अधिक जानकारी :
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सेठ रामबिलासजीका घराना बहुत ऊँचा समझा जाता था। ये पीढ़ियोंके सेठ थे। गाँवमें इनकी बड़ी इज्जत थी। विधाताका विधान-कमाई कम हो गयी। खर्चमें कमी हुई नहीं। घर कमजोर होता गया। इनके परिवार में बहुत लोग थे। सबका पालन-पोषण इन्हीं के द्वारा होता था। धीरे-धीरे सब अलग हो गये। इनके एक कन्या विवाहके योग्य थी। बड़ी सुशील, सुन्दर और घरके काम-काजमें चतुर। गीता-रामायण पढ़ लेती थी। उस जमाने में छोटी उम्रमें लड़कियोंके विवाह होते थे। ये अपनी एकमात्र कन्याको अच्छे सम्पन्न घरमें देना चाहते थे। इनका नाम तो बड़ा था ही। एक जगह सगाई हो गयी। लड़का बहुत अच्छा, सुन्दर, पढ़ा-लिखा। लाखोंका कारोबार। विवाहकी तैयारी होने लगी! कमाई घटी थी, इससे घर नोच-नोचकर ये खा रहे थे। जेवर आदि बहुत कुछ बिक चुका था। विवाह इज्जतके साथ होना चाहिये। यद्यपि लड़केवाले बहुत भले आदमी थे। वे कुछ