आह क्यू : लुहंसू की अमरकृति (चीन के प्रेमचंद) | The True Story Of Ah Q : Lu Sun (Premchand Of China) के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : आह क्यू है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Lu Sun | Lu Sun की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Lu Sun | इस पुस्तक का कुल साइज 7.6 MB है | पुस्तक में कुल 121 पृष्ठ हैं |नीचे आह क्यू का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आह क्यू पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays, Uncategorized, world
Name of the Book is : The True Story Of Ah Q | This Book is written by Lu Sun | To Read and Download More Books written by Lu Sun in Hindi, Please Click : Lu Sun | The size of this book is 7.6 MB | This Book has 121 Pages | The Download link of the book "The True Story Of Ah Q" is given above, you can downlaod The True Story Of Ah Q from the above link for free | The True Story Of Ah Q is posted under following categories Stories, Novels & Plays, Uncategorized, world |
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आह क्यू
उसके पुत्रों या पोतों ने यह काम कभी सौंपा। यदि मैं इसे स्केच कहता तो यह आपत्ति उठाई जाती कि आई क्यू का वो कोई “पूर्ण इविंहास' नहीं है। संक्षेप में कहना चाहिये कि यह एक वास्तविक
जीवनी है लेकिन चूं कि मैं बड़ी भद्दी शैली में लिखता हूँ और कुलियों और मवालियों की भाषा का प्रयोग करता हैं इसलिये मुझ में साइंस नहीं कि मैं इसे यह बड़ा नाम हैं। अतः कम प्रविष्ठित उपन्यासकारों के मुहावरों के अनुसार : "इस असंगत बात के बाद असली बात पर आयें, अपने शीर्षक के मैं अन्तिम दो शब्द लुगा और यदि यह भी लोगों की सुन्दर लिखावट की सच्ची कहानी" का स्मरण कराये तो फिर मैं विवश हैं।
दूसरे, जब यह निश्चित हो गया कि वह किस प्रकार की जौवनी होगी तो सोचा कि इसके प्रारम्भिक वाक्य कुछ इस प्रकार होने चाहियें : “अमुक-अमुक जिसका दूसरा नाम अमुक-अमुक था अमुक-अमुक स्थान का निवासी था। लेकिन मैं निश्चित रूप से नहीं जानता आई क्यू का उपनाम क्या था । किसी समय शायद उसका उपनाम चाओ था पर अगले दिन फिल इस बात पर कुछ गड़बड़ हुई। यह उस समय हुआ जब मिस्टर चाओ का पुत्र जिले के सरकारी पद की परीज्ञा में उत्तीर्ण हो गया और खूब जोर
ओर से घन्टे अज्ञा-जा कर उनकी सफलता की घोषणा की जा रही थी। ह क्यू ने अभी-अभी पीती मदिरा के दो प्याले चढ़ाये थे और उसने कुछ अकड़ के साथ कहा कि इस श्रेय का भागी वह भी है क्योंकि वह भी इसी अंश से सम्बन्ध रखता हैं जिससे मिस्टर