आटे के सिपाही | Aate Ke Sipahi

आटे के सिपाही | Aate Ke Sipahi

आटे के सिपाही | Aate Ke Sipahi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : आटे के सिपाही है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Anand Prakash Jain | Anand Prakash Jain की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 4 MB है | पुस्तक में कुल 134 पृष्ठ हैं |नीचे आटे के सिपाही का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आटे के सिपाही पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Aate Ke Sipahi | This Book is written by Anand Prakash Jain | To Read and Download More Books written by Anand Prakash Jain in Hindi, Please Click : | The size of this book is 4 MB | This Book has 134 Pages | The Download link of the book " Aate Ke Sipahi" is given above, you can downlaod Aate Ke Sipahi from the above link for free | Aate Ke Sipahi is posted under following categories literature |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 4 MB
कुल पृष्ठ : 134

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रोटी के मुकाबले में उस की परिष्कृत संतति--सूक्ष्म भावनाओं व | अवश्यकताओं का महत्त्व आथिक सत्ताप्राप्त वर्ग के लिए अधिक उपादेय ब शिष्ट भले ही हो, किंतु अभावग्रस्त बहुजन को इतिहास में अपने पूर्वजों के इस संघर्प का चित्रण दिखाई दे, तो उन के लिए ऐतिहासिक कथा की सार्थकता अधिक है. रोटी में ही उन की समस्त शिष्टता निहित है, मैं चाहता हूं कि मेरी अगामी ऐतिहासिक कथाए' इस सौम्य-सरला रोटी-नारी के उन भक्षकों को परदे के पीछे से खींच ला सकें, जो हर ऐतिहासिक काल में, आध्यात्मिक विधि से चुराए हुए भड़कीले अदर्शवादी वस्त्र पहन कर, उस की उपेक्षा का भौंडा अभिनय करते रहे हैं और उस के जनक पर गुराँते रहे हैं! मेरे ख्याल में ऐतिहासिक कहानी की भावी संभावनाएं इसी प्रयत्न में निहित हैं.

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