अभी झरत बिगसत कंवल | Abhi Jharat Bigsat Kanval

अभी झरत बिगसत कंवल | Abhi Jharat Bigsat Kanval

अभी झरत बिगसत कंवल | Abhi Jharat Bigsat Kanval के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अभी झरत बिगसत कंवल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : osho | osho की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 02.3 MB है | पुस्तक में कुल 359 पृष्ठ हैं |नीचे अभी झरत बिगसत कंवल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अभी झरत बिगसत कंवल पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Abhi Jharat Bigsat Kanval | This Book is written by osho | To Read and Download More Books written by osho in Hindi, Please Click : | The size of this book is 02.3 MB | This Book has 359 Pages | The Download link of the book "Abhi Jharat Bigsat Kanval" is given above, you can downlaod Abhi Jharat Bigsat Kanval from the above link for free | Abhi Jharat Bigsat Kanval is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |

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पुस्तक का साइज : 02.3 MB
कुल पृष्ठ : 359

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जरूरी भी नहीं कि संत सभी पढ़े-लिये थे, बहुत तो उनमें गैर पढ़े-लिखे थे। लेकिन पढ़े-लिखे होने से सत्य का कोई संबंध भी नहीं है; गैर-पढ़े-लिखे होने से कोई बाधा भी नहीं है। परमात्मा दोनों को समान रूप से उपलब्ध है। सच तो यह है, पढ़े-लिखे के शायद थोड़ी बाधा हो, उसका पढ़ा-लिखा ही अवरोध बन जाए; गैर-पढ़ा-लिखा थोड़ा ज्यादा भोला, थोड़ा ज्यादा निर्दोष। उसके निर्दोष चित्त में, उसके भोले हृदय में सरलता से प्रतिबिंब बन सकता है। कम होगा विकृत प्रतिबिंब, क्योंकि विकृत करने वाला तर्क मौजूद न होगा।

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