आधुनिक चिकित्सा शास्त्र | Adhunik Chikitsa Shastra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : आधुनिक चिकित्सा शास्त्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dharmdatt Vaidh | Dharmdatt Vaidh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dharmdatt Vaidh | इस पुस्तक का कुल साइज 83.73 MB है | पुस्तक में कुल 972 पृष्ठ हैं |नीचे आधुनिक चिकित्सा शास्त्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आधुनिक चिकित्सा शास्त्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : ayurveda, health
Name of the Book is : Adhunik Chikitsa Shastra | This Book is written by Dharmdatt Vaidh | To Read and Download More Books written by Dharmdatt Vaidh in Hindi, Please Click : Dharmdatt Vaidh | The size of this book is 83.73 MB | This Book has 972 Pages | The Download link of the book "Adhunik Chikitsa Shastra" is given above, you can downlaod Adhunik Chikitsa Shastra from the above link for free | Adhunik Chikitsa Shastra is posted under following categories ayurveda, health |
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भारतीय दर्शन सत्व, रज, तमस् को जगत् का मूल कारण मानता है, आयुर्वेद वायु, पित्त, कफ, इन तीन को शरीर का मूल कारण मानता है। शरीर में होने वाले सर्व भौतिक और रासायनिक परिवर्तनो अर्थात् 'मेटाबोलिज्म' का कारण इन्हीं तीन को कहता है। मूलरूप में वह इनको अप्रत्यक्ष मानता है यद्यपि इनके प्राकृतिक और वैकृतिक परिणामो को जो प्रत्यक्ष हैं वह वायु, पित्त, कफ इन नाम से पुकारता है। स्वास्थ्य का कारण होने से वह इन्हें 'धातु कहता हे। और रोगो का कारण होने से वह इन्हें 'दोप' कहता है। वायुतत्त्व -उस तत्व को जो शरीर की ऐच्छिक अनैच्छिक सर्व चेष्टाओ की कारण है ‘वा गती' धातु से वायु कहा गया है। चरक ने कहा है "सर्वा हि चेप्टा वातेन'। इस तत्त्व को आयु का प्रत्यायक कहा है। 'वायुरायु' तथा 'आयु पोऽनुवृत्तिप्रत्ययभूतो वायु' ऐमा चरक ने कहा हैं । लैटिन भाषा के विटा ‘vita' शब्द का अर्थ आयु या Life होता है।