अंग्रेजी साहित्य की रूप रेखा | Angregi Sahitya Ki Roop Rekha के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : अंग्रेजी साहित्य की रूप रेखा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 3.4 MB है | पुस्तक में कुल 86 पृष्ठ हैं |नीचे अंग्रेजी साहित्य की रूप रेखा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अंग्रेजी साहित्य की रूप रेखा पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Angregi Sahitya Ki Roop Rekha | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 3.4 MB | This Book has 86 Pages | The Download link of the book "Angregi Sahitya Ki Roop Rekha " is given above, you can downlaod Angregi Sahitya Ki Roop Rekha from the above link for free | Angregi Sahitya Ki Roop Rekha is posted under following categories literature |
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परन्तु चासर से पहले ही अग्रेजी साहित्य का जन्म हो गया था, यद्यपि छ सदियो के उस साहित्य को कुछ समृद्ध नहीं कहा जा सकता । उस साहित्य के इतिहास का प्रारम्भ वस्तुत एग्लो ( आग्लो ), सैक्सनो और जूटो की इङ्गलैड-विजय से हुआ। यह सही है कि उस काल का साहित्य जिस भाषा में प्रस्तुत हुआ वह भी अग्रेजी कहलाती है यद्यपि आज हम उसे अपने प्राकृत रूप में नहीं समझ सकते, अनुवाद-रूप में ही पढ़ पाते हैं। इसी कारण कुछ विद्वानों ने उसे अग्रेजी मानने में भी आपत्ति की है। परन्तु विशेष अन्तर काल की दूरी में डाल दिया है और चासर-कालीन भापा-साहित्य की पृष्ठभूमि के रूप में ही चाहे क्यो न हो, हमें उस प्रारम्भिक अग्रेजी साहित्य पर एक नज़र डालनी ही होगी।