बाँसुरी | Bansuri के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : बाँसुरी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pandit Sohanlal Dwivedi | Pandit Sohanlal Dwivedi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Pandit Sohanlal Dwivedi | इस पुस्तक का कुल साइज 7.2 MB है | पुस्तक में कुल 52 पृष्ठ हैं |नीचे बाँसुरी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बाँसुरी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Poetry
Name of the Book is : Bansuri | This Book is written by Pandit Sohanlal Dwivedi | To Read and Download More Books written by Pandit Sohanlal Dwivedi in Hindi, Please Click : Pandit Sohanlal Dwivedi | The size of this book is 7.2 MB | This Book has 52 Pages | The Download link of the book "Bansuri" is given above, you can downlaod Bansuri from the above link for free | Bansuri is posted under following categories Knowledge, Poetry |
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पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊँचे बन जाओ सागर कहता है लहराकर, मन में गहराई लाओ समझ रहे हो, क्या कहती हैं उठ उठ गिर गिर तरल तरङ्ग, भर लो भर लो अपने दिल में मीठी मीठी मृदुल उमङ्ग पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो कितना ही हो सिर पर भार, नभ कहता है फैलो इतना ढक लो. तुम सारा संसार ।