भारतवर्ष का इतिहास | Bharatvarsh Ka Itihas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भारतवर्ष का इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pt. Bhagavadatta | Pt. Bhagavadatta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Pt. Bhagavadatta | इस पुस्तक का कुल साइज 68.8 MB है | पुस्तक में कुल 374 पृष्ठ हैं |नीचे भारतवर्ष का इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारतवर्ष का इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, education
Name of the Book is : Bharatvarsh Ka Itihas | This Book is written by Pt. Bhagavadatta | To Read and Download More Books written by Pt. Bhagavadatta in Hindi, Please Click : Pt. Bhagavadatta | The size of this book is 68.8 MB | This Book has 374 Pages | The Download link of the book "Bharatvarsh Ka Itihas" is given above, you can downlaod Bharatvarsh Ka Itihas from the above link for free | Bharatvarsh Ka Itihas is posted under following categories history, education |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
भारतीय इतिहास का अनिष्ट-भारतीय इतिहास इस समय बहुत विकृत कर दिया गया है। सत्य को असत्य प्रदर्शित किया जाता है और असत्य को सत्य बनाने का यत्न हो रहा है। मैक्समूलर और वैबर तथा मैक्डानल और कीथ प्रभृति पाश्चात्य ग्रन्थकारों ने भारत-युद्ध के अस्तित्व में ही सन्देह उत्पन्न कर दिया है । रैपसन और स्मिथ आदि इतिहास-लेखक सगर्व कह रहे हैं कि ईसा से अधिक से अधिक २४०० वर्ष पहले आर्य लोग भारत में प्रविष्ट हुए । उस के पश्चात् ही उन के वेद आदि शास्त्र बने । यकोबी और कीथ तो अर्थशास्त्र को विष्णुगुप्त-चाणक्य की कृति ही नहीं मानते ।