भारतीय अर्थ-शास्त्र भाग – १ | Bhartiya Arth Shastra Part – 1

भारतीय अर्थ-शास्त्र भाग – १ | Bhartiya Arth Shastra Part – 1

भारतीय अर्थ-शास्त्र भाग – १ | Bhartiya Arth Shastra Part – 1 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भारतीय अर्थ-शास्त्र भाग – १ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Dularelal Bhargav | Shri Dularelal Bhargav की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 24 MB है | पुस्तक में कुल 396 पृष्ठ हैं |नीचे भारतीय अर्थ-शास्त्र भाग – १ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारतीय अर्थ-शास्त्र भाग – १ पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature, Social, society

Name of the Book is : Bhartiya Arth Shastra Part – 1 | This Book is written by Shri Dularelal Bhargav | To Read and Download More Books written by Shri Dularelal Bhargav in Hindi, Please Click : | The size of this book is 24 MB | This Book has 396 Pages | The Download link of the book "Bhartiya Arth Shastra Part – 1" is given above, you can downlaod Bhartiya Arth Shastra Part – 1 from the above link for free | Bhartiya Arth Shastra Part – 1 is posted under following categories literature, Social, society |

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पुस्तक का साइज : 24 MB
कुल पृष्ठ : 396

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यह आर्थिक युग है। आजकल संसार में सभी देशों की, सभी प्रकार की, उन्नति उनकी आर्थिक अवस्था पर ही अवलंबित हती है। योरप, अमेरिका और जापान की सर्वतोमुखी प्रगति का प्रधान कारण है उन देशों के निवासियों की अथाह समृद्धि। उसे उन्होंने अपने अर्थ-शास्त्र-संबंधी ज्ञान द्वारा प्राप्त किया है। यह ज्ञान सर्वसाधारण को सुलभ करने के लिये उन्होंने अर्थशास्त्र के साहित्य की उन्नति, वृद्धि और प्रचार में अनवरत परिश्रम किया है और कर रहे हैं, एवं इसमें वे पूर्ण रूप से कृतकार्य भी हुए हैं। यही उनकी आर्थिक सफलता का रहस्य है ,उधर का तो यह हाल है, इधर भारतवर्ष को देखिए।

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