भिखारिणी हिंदी पुस्तक पीडीऍफ़ में | Bhikharini hindi book in pdf के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भिखारिणी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vishambhar sharma | Vishambhar sharma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Vishambhar sharma | इस पुस्तक का कुल साइज 29.13 MB है | पुस्तक में कुल 223 पृष्ठ हैं |नीचे भिखारिणी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भिखारिणी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays, Uncategorized
Name of the Book is : Bhikharini | This Book is written by Vishambhar sharma | To Read and Download More Books written by Vishambhar sharma in Hindi, Please Click : Vishambhar sharma | The size of this book is 29.13 MB | This Book has 223 Pages | The Download link of the book "Bhikharini" is given above, you can downlaod Bhikharini from the above link for free | Bhikharini is posted under following categories Stories, Novels & Plays, Uncategorized |
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२ | भिखारिणी बाबू साहब कुछ क्षणों तक सोचकर बोले--अच्छा चलो देखें क्या खायगा ! व ं यह कहकर बाज साहब बाहर की ओर चले । बाहर जाकर उन्होंने देखा कि एक भिखारी जिसकी वयस पेंतालीस बच की होगी फटे-पुराने कपड़े पहने खड़ा है । पास ही एक लड़की सलिस तथा जीर्ण-शी्ण धोती पहने सिकुड़ी हुई खड़ी है । बाद साहब ने शिखारी से पूछा- क्या चाहते हो ? भिखारी हाथ जोड़कर क्षीण. स्वर में बोला--बाबूजी और कुछ नहीं खाली पेट-भर भोजन ।..... .. बाबू साहुब--व्या खाओगें ? भिखारी--जो बाबू साहब की मर्जी हो । . बाबू साहब ने एक क्षण सोचकर पूछा--बाजार को बना हुआ खा सकते हो ? भिवारी--हाँ खा छूया बाज साहुब ने जेब से एक रुपया निकालकर नौकर को दिया भौर बोले -एजाओ बाहर आने की पूड़ियाँं और चार आने का मीठा ले आग । भिखारी बोल उठा--बाहर आने की बहुत होंगी इतनी हम दोनों नहीं था सकेंगे आठ आने को बहुत हैं बाबु साहब ने नौकर से कहा--अच्छा आठ हीं आने की ले आना । नौकर बाजार की ओर चल दिया । बादु साहब ने शिक्षक से कहा-- यहाँ पत्थर परे बंठ जाओ बहू अभी से आयेगा --खा लेगा । यह कहकर बाबु साहब घर के भीतर जाने को उद्त हुए । उसी समय भिक्षक हाथ जोड़कर वोला-बावूजी भगवान आपका भला करें आपने इस समय बड़ी दया की । जहाँ इतना किया वहाँ एक कास और कीजिए बाद साहब ठिठक सये अर बोले--वह कया भिखारी--इस वन्या के लिए फटी-पुरानी धोही मिल जाती तो बड़ी दया . इस बार बाज साहब मे लड़की की .हृष्टि भर के देखा । लड़की के शरीर पर जो घोती थी वहू कई स्थान पर फटी हुई थी . जिसमें से उसका शरीर