भूषण ग्रंथावली | Bhushan Granthawali के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भूषण ग्रंथावली है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Chhatrapati Shivaji | Chhatrapati Shivaji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Chhatrapati Shivaji | इस पुस्तक का कुल साइज 10.41 MB है | पुस्तक में कुल 384 पृष्ठ हैं |नीचे भूषण ग्रंथावली का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भूषण ग्रंथावली पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge
Name of the Book is : Bhushan Granthawali | This Book is written by Chhatrapati Shivaji | To Read and Download More Books written by Chhatrapati Shivaji in Hindi, Please Click : Chhatrapati Shivaji | The size of this book is 10.41 MB | This Book has 384 Pages | The Download link of the book "Bhushan Granthawali" is given above, you can downlaod Bhushan Granthawali from the above link for free | Bhushan Granthawali is posted under following categories history, Knowledge |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
हिन्दी-साहित्य का इतिहास देखने से यह ज्ञात हो जाता है कि उस पर राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक तथा सांप्रदायिक परिस्थितियों का कितना प्रभाव पड़ा है । यद्यपि हिंदी भाषा कहीं अधिक प्राचीन है, पर हिन्दी-साहित्य का प्रारंभ विक्रमाद ग्यारहवीं शताव्दि से माना जाता है । यह समय भारत के इतिहास में पह था जब कि एक ओर इस देश पर मुसलमानों के आक्रमगा पर आक्रमण हो रहे थे और दूसरी ओर भारतीय भरेशगण उन्हें रोकने तथा अपने अपने देश के अन्यदेशीय शत्रुओं से पददलित न होने देने के प्रयत्नों में सतत लगे हुये थे । यही कारण है कि इस काल के कविगण ऐसे ही भारतीय अदर्श वीरों को सामने रखकर अपनी कधित्व-शक्ति दिखला गये हैं।