बिबाहबिडम्वन | Bibahbidamvan

बिबाहबिडम्वन | Bibahbidamvan

बिबाहबिडम्वन | Bibahbidamvan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : बिबाहबिडम्वन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Babu Totaram | Babu Totaram की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 06.6 MB है | पुस्तक में कुल 193 पृष्ठ हैं |नीचे बिबाहबिडम्वन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बिबाहबिडम्वन पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, comedy

Name of the Book is : Bibahbidamvan | This Book is written by Babu Totaram | To Read and Download More Books written by Babu Totaram in Hindi, Please Click : | The size of this book is 06.6 MB | This Book has 193 Pages | The Download link of the book "Bibahbidamvan " is given above, you can downlaod Bibahbidamvan from the above link for free | Bibahbidamvan is posted under following categories children, comedy |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 06.6 MB
कुल पृष्ठ : 193

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

नाटक के प्रारम्भ में उन संकेतों का अर्थ लिखना अवश्य है जो प्रायः उसमें काम आते हैं इस हेतु कुछ संकेतों के अर्थ नीचे लिखे जाते हैं । रंग शाला-नाटक खेलने के स्थान को कहते हैं। नाटकपात्र उनको कहते हैं जो रंगशाला में आ खेलकरते हैं । नेपथ्य-उस स्थान को कहते हैं जहां से नाटक पात्र निक | कर रंग शाला में आते हैं । अपने आप वा स्वगत-इसके लिखने से यह अभिप्रा है कि नाटक पात्र ने जो कुछ कहा वह किसी की देखकर नहीं कहा तथापि सवने उस कहने को सुन प्रकट-सब के सामने मुख खोल कर जब नाटक पात्र
कहता है तव यह शब्द लिखा जाता है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.