ब्रह्मसूत्र-शङ्कर भाष्यम | Brahmasutra Shankar Bhashyam

ब्रह्मसूत्र-शङ्कर भाष्यम | Brahmasutra Shankar Bhashyam

ब्रह्मसूत्र-शङ्कर भाष्यम | Brahmasutra Shankar Bhashyam के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : ब्रह्मसूत्र-शङ्कर भाष्यम है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Swami Yogindranand | Swami Yogindranand की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 179.6 MB है | पुस्तक में कुल 639 पृष्ठ हैं |नीचे ब्रह्मसूत्र-शङ्कर भाष्यम का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ब्रह्मसूत्र-शङ्कर भाष्यम पुस्तक की श्रेणियां हैं : jyotish

Name of the Book is : Brahmasutra Shankar Bhashyam | This Book is written by Swami Yogindranand | To Read and Download More Books written by Swami Yogindranand in Hindi, Please Click : | The size of this book is 179.6 MB | This Book has 639 Pages | The Download link of the book "Brahmasutra Shankar Bhashyam " is given above, you can downlaod Brahmasutra Shankar Bhashyam from the above link for free | Brahmasutra Shankar Bhashyam is posted under following categories jyotish |

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पुस्तक का साइज : 179.6 MB
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आदरणीय वासुदेवशरण अग्रवाल ने कुछ पाश्चात्य विचारकों के साक्ष्य पर इस ग्रन्थ का नाम 'भिक्षुसूत्र' बताया है। दार्शनिक वाङ्मय के प्रमुख पारखी श्री गोपीनाथ कविराज ने अपनी प्रसिद्ध ब्रह्म-सूत्र-भूमिका ( पृ० २ ) में लिखा है कि यदि यह कल्पना सत्य है, तब वह 'भिक्षुसूत्र' 'वेदान्तसूत्र' या 'ब्रह्मसूत्र' से भिन्न नहीं होगा''कविराज जी की इस व्यवस्था से असहमति व्यक्त करते हुए उदयवीर शास्त्री कहते है कि "पाणिनि ने पञ्चशिख की सांस्यविषयक रचना का 'भिक्षुमुत्र' पद से निर्देश किया है।

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