ब्रह्मराक्षस का नाई | Brahmrakshas Ka Nai

ब्रह्मराक्षस का नाई : राजेश जोशी | Brahmrakshas Ka Nai : Rajesh Joshi

ब्रह्मराक्षस का नाई : राजेश जोशी | Brahmrakshas Ka Nai : Rajesh Joshi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : ब्रह्मराक्षस का नाई है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rajesh Joshi | Rajesh Joshi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 900 KB है | पुस्तक में कुल 24 पृष्ठ हैं |नीचे ब्रह्मराक्षस का नाई का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ब्रह्मराक्षस का नाई पुस्तक की श्रेणियां हैं : children

Name of the Book is : Brahmrakshas Ka Nai | This Book is written by Rajesh Joshi | To Read and Download More Books written by Rajesh Joshi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 900 KB | This Book has 24 Pages | The Download link of the book "Brahmrakshas Ka Nai" is given above, you can downlaod Brahmrakshas Ka Nai from the above link for free | Brahmrakshas Ka Nai is posted under following categories children |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 900 KB
कुल पृष्ठ : 24

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वरना क्या करेगा?
(एक झाडू और मारती है ।) । नाई : अब मारेगी तो सचमुच चला जाऊंगा ...। बूढ़ी : जा न ... निकल यहां से .... नाई : मैं सचमुच चला जाऊंगा ... फिर वापस नहीं आऊंगा...।
(नाई का प्रस्थान) बूढ़ी : मत आना...समझ लूंगी कि मैं निपूती ही थी... ऐसे निखट्टू के
होने से तो बेऔलाद होना ही अच्छा...।।
(बूढ़ी का बड़बड़ाते हुए प्रस्थान। नाई का प्रवेश) नाई : (बड़बड़ाता है) इतना अपमान... अब इस घर में नहीं रहूंगा...
जब तक धन नहीं कमाऊगा इस घर में लौटकर नहीं आऊंगा ... रोटी खाऊंगा न पानी पिऊंगा ... इस घर की देहरी भी नहीं छुऊंगा। (जोर से चिल्लाकर) जा रहा हूं... अब लौटकर नहीं
आऊंगा...। (प्रस्थान)

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2 Comments
  1. Vikas says

    “ब्रह्मराक्षस का नाई” पुस्तक उपलब्ध नहीं है, और भी बहुत सी पुस्तकें गायब हैं। क्या व्यर्थ में लिस्ट बढ़ाना अनिवार्य है ? कृपया सोच विचार कर लिस्ट में नाम रखें।

    1. admin says

      क्षमा चाहते हैं विकास जी. पुस्तकों के लिंक कम नहीं कर रहे थे किन्तु अब लिंक अपडेट कर दिए गए हैं डाउनलोड करने में अब को दिक्कत नहीं आएगी

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