बृज भूमि मोहिनी : भक्ति विजय | Braj Bhumi Mohini : Bhakti Vijay के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : बृज भूमि मोहिनी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Bhakti Vijay | Bhakti Vijay की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Bhakti Vijay | इस पुस्तक का कुल साइज 20.0 MB है | पुस्तक में कुल 442 पृष्ठ हैं |नीचे बृज भूमि मोहिनी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बृज भूमि मोहिनी पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu
Name of the Book is : Braj Bhumi Mohini | This Book is written by Bhakti Vijay | To Read and Download More Books written by Bhakti Vijay in Hindi, Please Click : Bhakti Vijay | The size of this book is 20.0 MB | This Book has 442 Pages | The Download link of the book "Braj Bhumi Mohini" is given above, you can downlaod Braj Bhumi Mohini from the above link for free | Braj Bhumi Mohini is posted under following categories dharm, hindu |
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झुलन में फूलन की वर्षा कर सखिया हरवाई । | सहज सरस अखिया दोउन की और और सरसाई ॥
दुई जन हनि निरयो सवयन तन चितवन अति सुखदाई। तन पुलकित उत्फुल वदन मन दुगन छई अरुणाई ॥ हँसत करत परिहास परस्पर नेह मेह झर लाई । प्रीतम हरि बोले कछु अटपट सुनि श्यामा मुस्काई । निरखि प्रिया तन निरवींसखिनन सहान उठे कछ गाई । झौट की रमन के सँग सँग लीय उठे लहराई ॥
BHAI SAHAB APKA ATI DHANYWAD, VERY MUCH THANKS TO YOU, FOR THESE BOOKS.
BHAGWAN APKO APNI BHAKTI DE, EK BAR PHIR JAI SHRI HARI