अमरीका में गुलामी के दौरान गोरे लोग अश्वेतों को बिना मुकदमा के मार डालते थे. किसी आरोपी को बिना मुकदमा चलाये मरने को लिंचिंग कहते हैं. अश्वेत इडा बी. वेल्स ने लिंचिंग के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई. उन्होंने लिंचिंग के खिलाफ बड़ी बुलंदी से लिखा और भाषण दिए. गोरे इससे बहुत नाराज़ हुए और उन्होंने इडा बी. वेल्स का दफ्तर जला दिया. अमरीका की एक बेधड़क पत्रकार की नायाब जीवनी.
रोज़ा पार्क्स अमरीका में अश्वेत आंदोलन की नायिका थीं. गुलामी के ज़मानों में अश्वेतों को बसों और ट्रेनों में गोरों से अलग बैठना पड़ना था. गोरों और अश्वेतों के लिए अलग-अलग रेस्टोरेंट थे, पानी के नल और शौचालय थे. रोज़ा पार्क्स पेशे से एक दर्जिन थीं. एक दिन उन्होंने बस में कंडक्टर का आदेश नहीं माना और बस में से अपनी सीट पर से उठने से मना किया. उन्हें गिरफ्तार किया गया. उसके बाद से एक बड़ा आंदोलन शुरू हुआ. मार्टिन लूथर किंग ने उसका समर्थन किया. रोज़ा पार्क को अमरीका में अश्वेत आंदोलन की नायिका माना जाता है. उनकी बेहद प्रेरक जीवनी.
सूज़न बी. अन्थोनी का जन्म 1820 में हुआ. जब सूज़न का जन्म हुआ तब अमरीका में सभी लोगों को अपनी मनमर्ज़ी के अनुसार जीवन जीने का अधिकार नहीं था.
कुछ लोग गुलाम थे, जो सभी अधिकारों से वंचित थे. महिलाओं के अधिकार भी बहुत सीमित थे. शादीशुदा महिलायें ज़मीन की मालिक नहीं बन सकती थीं. लड़कियों को कॉलेज में पढ़ने की इज़ाज़त नहीं थी. कोई भी महिला वोट नहीं कर सकती थी.
सूज़न, अमरीका के इन हालातों को बदलना चाहती थी. वो मानती थीं कि अमरीका में महिलाओं को भी पुरुषों की तरह ही वोट देने का अधिकार मिलना चाहिए. अपनी मित्र एलिज़ाबेथ केडी स्टैंटन के साथ मिलकर, सूज़न ने सारी ज़िन्दगी महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ी. महिलाओं के वोट के अधिकार की लड़ाई इतनी लम्बी चलेगी, इसका सूज़न को भी कोई अंदाज़ नहीं था.
एलिज़ाबेथ ब्लैकवेल - पहली अमरीकी महिला डॉक्टर थीं. उस ज़माने में कोई भी लड़की मेडिकल कॉलेज में नहीं पढ़ती थी. किसी लड़की को वहां दाखिला नहीं मिलता था. एलिज़ाबेथ ने बड़ी मुश्किल से प्राइवेट रूप से पढ़ाई की. उसे एक मेडिकल कॉलेज ने इसलिए दाखिला दिया क्योंकि उन्हें लगा कि वो जल्द ही छोड़ कर चली जाएगी और फिर लोग उसका मज़ाक उड़ाएंगे. पर एलिज़ाबेथ ब्लैकवेल ने बेहद संघर्ष करके डॉक्टरी पूरी की और अन्य महिलाओं के लिए एक नया रास्ता खोला.
बुकर टी. वाशिंगटन एक गुलाम पैदा हुए थे. उन्होंने बेहद संघर्ष करके पढ़ाई की और बाद में एक टीचर बने. वो अमरीका में अश्वेत आंदोलन के प्रमुख नेता बने. उन्होंने अश्वेत छात्रों के लिए टसकजी इंस्टिट्यूट की स्थापना की. वो कॉलेज सिर्फ अश्वेत छात्रों के लिए था. यह पुस्तक बुकर टी. वाशिंगटन की संघर्षमयी ज़िन्दगी को बयां करती है
रिचर्ड ब्यर्ड एक अमरीकी अन्वेषक थे जिन्होंने उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों की खोज की. उनकी प्रेरक जीवनी.
एंड्रू कार्नेगी अमेरिका के सफलतम उद्योगपति थे. उन्होंने अमरीका में सबसे बड़े स्टील के प्लांट लगाए। पर बचपन में गरीबी के कारण वो किताबें पढ़ नहीं पाए थे. इसलिए उन्होंने अपने पैसों को दान में लगाया और दुनिया भर में 2500 से भी ज़्यादा पुस्तकालय खोले। एक अत्यंत प्रेरक कथा.
अमरीका के महान आविष्कारक थॉमस अल्वा एडिसन की बच्चों के लिए चित्रात्मक जीवनी। स्कूल में जब मास्टर ने कहा की एडिसन का दिमाग कमज़ोर था तब उनकी माँ ने उन्हें स्कूल से निकाल लिया और उन्हें घर पर ही पढ़ाया। बाद में थॉमस अल्वा एडिसन दुनिया के सबसे उपयोगी चीज़ें इज़ाद कीं - लाइट बल्ब उनमें से एक था.
डेविड हेनरी थोरो को प्रकृति से बेहद लगाव था. जिस काल में वो पैदा हुए उस समय अमेरिका में गुलामी प्रथा कायम थी. थोरो को गुलामी से चिढ़ थे. वो अमानवीय गुलामी प्रथा को ख़त्म करना चाहते थे. उन्होंने अमरीका में असहयोग आंदोलन चलाया और सरकारी टैक्स नहीं चुकाए. महात्मा गाँधी ने डेविड हेनरी थोरो की ज़िंदगी से कई सबक सीखे थे. एक महान दार्शनिक और चिंतक की प्रेरक जीवनी.