चक्रदत्त | Chakradatta के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : चक्रदत्त है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gangavishnu Shrikrishan Das | Gangavishnu Shrikrishan Das की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Gangavishnu Shrikrishan Das | इस पुस्तक का कुल साइज 40.65 MB है | पुस्तक में कुल 366 पृष्ठ हैं |नीचे चक्रदत्त का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | चक्रदत्त पुस्तक की श्रेणियां हैं : health
Name of the Book is : Chakradatta | This Book is written by Gangavishnu Shrikrishan Das | To Read and Download More Books written by Gangavishnu Shrikrishan Das in Hindi, Please Click : Gangavishnu Shrikrishan Das | The size of this book is 40.65 MB | This Book has 366 Pages | The Download link of the book "Chakradatta" is given above, you can downlaod Chakradatta from the above link for free | Chakradatta is posted under following categories health |
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प्रथम दक्षिणसे क्षार कर्म चा दाह प्रारम्भ करना चाहिये। प्रथम दक्षिण फिर वाम फिर पृष्ठवंशकी ओरका फिर अग्रभागके मस्सेको पञ्चतिक्तधृतसे स्निग्ध कर क्षार अथवा अग्निसे वातज या कफज अर्श दागना चाहिये । पित्तसे तथा रक्तसे उत्पन्न अर्श क्षारसे दग्ध करना चाहिये पर जो मस्से वड़े हों और उनकी जड़ पतली हो, उन्हें शस्त्रद्वारा काट कर ही जलाना चाहिये । तथा चर्मकीलको शस्त्रसे काटकर क्षार अथवा आझसे जला देना चाहिये । क्षारसे जला हुआ यादि पके जामुनके सदृश नीला हो जाय, तो उसे उत्तम समझना चाहिये ।