चालीस सिंहो व माता भाग कौर के बलिदान की अमर गाथा | Chalis Singho Va Mata Bhag Kour Ke Balidan Ki Amar Gatha

चालीस सिंहो व माता भाग कौर के बलिदान की अमर गाथा | Chalis Singho Va Mata Bhag Kour Ke Balidan Ki Amar Gatha

चालीस सिंहो व माता भाग कौर के बलिदान की अमर गाथा | Chalis Singho Va Mata Bhag Kour Ke Balidan Ki Amar Gatha के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : चालीस सिंहो व माता भाग कौर के बलिदान की अमर गाथा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Jasbir Singh | Jasbir Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 160 KB है | पुस्तक में कुल 4 पृष्ठ हैं |नीचे चालीस सिंहो व माता भाग कौर के बलिदान की अमर गाथा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | चालीस सिंहो व माता भाग कौर के बलिदान की अमर गाथा पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

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सरहिन्द के नवाब वजीद खान को जब आनंदपुर की छ: माह की घेरा बन्दी के पश्चात नाकाम होकर वापस खाली हाथ लौटना पड़ा तो वह इस असफलता पर बौखलाया हुआ था, उसने इसी बौखलाट में श्री गुरु गोबिन्द सिंघ जी के नन्हें बच्चों को, जो उसके हाथ लग गए थे जिंदा दीवार में चिनवा दिया। निदोर्ष बच्चों के हत्यारे के रुप में बदनामी उसे चैन नहीं लेने दे रही थी अतः उसे मालूम हुआ गुरु गोबिन्द सिंघ जी जीवित हैं उनका जीवित होना उसे अपनी मृत्यु का संदेश मालूम पड़ने लगा। इस लिए उसने फिर से गुरु गोबिन्द सिंघ पर आक्रमण करने की योजना बनाई। वह चाहता था कि मैं अपने शत्रु पर विजय प्राप्त कर उसे सदैव के लिए समाप्त कर दें। जिससे उसके प्राणों का खतरा टल जाए।

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