छिपाईवार्ता | Chhipaivarta

छिपाईवार्ता | Chhipaivarta

छिपाईवार्ता | Chhipaivarta के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : छिपाईवार्ता है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Swami Narayandas | Swami Narayandas की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 41 MB है | पुस्तक में कुल 395 पृष्ठ हैं |नीचे छिपाईवार्ता का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | छिपाईवार्ता पुस्तक की श्रेणियां हैं : Granth

Name of the Book is : Chhipaivarta | This Book is written by Swami Narayandas | To Read and Download More Books written by Swami Narayandas in Hindi, Please Click : | The size of this book is 41 MB | This Book has 395 Pages | The Download link of the book "Chhipaivarta" is given above, you can downlaod Chhipaivarta from the above link for free | Chhipaivarta is posted under following categories Granth |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 41 MB
कुल पृष्ठ : 395

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

प्रस्तुत ग्रंथमाला के प्रकाशन का एक संक्षिप्त-सा इतिहास है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल महामहिम श्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी जब फाशी नागरीप्रचारिणी सभा में पधारे थे तो यहाँ के सुरक्षित हस्तलिखित ग्रंथों को देखकर उन्होंने सलाह दी थी कि एक ऐसी ग्रंथमाला निकाली जाय जिसमें सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अंश मुद्रित कर दिए जायँ । बहुत अधिक परिश्रमपूर्वक संपादित ग्रंथ छापने के लोभ में पड़कर अनेकानेक महत्वपूर्ण ग्रयों को अमुद्रित रहने देना उनके मत से बहुत बुद्धिमानी का काम नहीं है । उन्होंने सलाह दी कि ये पुस्तकें पहले मुद्रित हो जायँ फिर विद्वानों को उनकी सामग्री के विषय में विचारने का अवसर मिलेगा।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *