दादू दयाल की बानी भाग -२ | Dadu Dayal Ki Bani Part -2

दादू दयाल की बानी भाग -२ | Dadu Dayal Ki Bani Part -2

दादू दयाल की बानी भाग -२ | Dadu Dayal Ki Bani Part -2 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : दादू दयाल की बानी भाग -२ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 54.4 MB है | पुस्तक में कुल 164 पृष्ठ हैं |नीचे दादू दयाल की बानी भाग -२ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दादू दयाल की बानी भाग -२ पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Dadu Dayal Ki Bani Part -2 | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 54.4 MB | This Book has 164 Pages | The Download link of the book "Dadu Dayal Ki Bani Part -2 " is given above, you can downlaod Dadu Dayal Ki Bani Part -2 from the above link for free | Dadu Dayal Ki Bani Part -2 is posted under following categories Poetry |


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पुस्तक का साइज : 54.4 MB
कुल पृष्ठ : 164

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तें मन मोह्यौ मोर रे, रहि न सकौं हौं राम जी तोरे नाँइ चित लाइया रे, औरनि भया उदास साईं ये समझाइया, हौं संग न छाडौं पास रे जाणौ तिलहि न बोछुटौं रे, जिनि पछतावा होइ गुण तेरे रसना जप, सुणसी साई सोइ रे भोरै जनम आँवाइया रे, वीन्हा नहीं सो सार अजहूँ येह अचेत है, और नहीं आधार रे पिव की प्रीति तो पाइये रे, जे सिर होवे भाग। यौ तौ अनत न जाइसी, रहसी चरण लाग रेअनतें मन निरवारिया रे, मोहिं एकै सेती काज अनत गये दुख ऊपजै, मोहिं एकहि सेती राज रे साईं सौं सहजें रम रे, और नहीं आने देव।

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