दशरूपक (हिंदी व्याख्या) | Dashroopaka (Hindi Vyakhya) के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दशरूपक (हिंदी व्याख्या) है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Govind Trigunayat | Govind Trigunayat की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Govind Trigunayat | इस पुस्तक का कुल साइज 47.5 MB है | पुस्तक में कुल 257 पृष्ठ हैं |नीचे दशरूपक (हिंदी व्याख्या) का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दशरूपक (हिंदी व्याख्या) पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Dashroopaka (Hindi Vyakhya) | This Book is written by Govind Trigunayat | To Read and Download More Books written by Govind Trigunayat in Hindi, Please Click : Govind Trigunayat | The size of this book is 47.5 MB | This Book has 257 Pages | The Download link of the book "Dashroopaka (Hindi Vyakhya) " is given above, you can downlaod Dashroopaka (Hindi Vyakhya) from the above link for free | Dashroopaka (Hindi Vyakhya) is posted under following categories dharm, Stories, Novels & Plays |
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दशरूपक नाट्य विषय का एक बड़ा महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसके रचयिता श्राचार्य धनञ्जय हैं। इसमें लगभग ३०० कारिकाएँ हैं। इनमें रूपक सम्बन्धी समस्त आवश्यक बातें प्रतिष्ठित कर दी गई हैं। विद्वान् प्राचार्य ने अपने पूर्वाचार्यों के मतों का पुनःस्थापन ही नहीं किया है, वरन् अपने मौलिक सिद्धांत भी प्रतिपादित किये हैं। यह ग्रन्थ अपनी संक्षिप्तता, मौलिकता, विषय प्रतिपादन की साङ्गता और सुबोधता के लिए प्रसिद्ध है। इतना होते हुए भी विद्वान् लोग इसके सूक्ष्म अध्ययन की ओर बहुत कम प्रवृत्त हुए हैं। यही कारण है। कि जिस ग्रन्थ की सैकड़ों टीकाएँ उपलब्ध होनी चाहिए थीं, उसकी आज केवल दो एक टीकाएँ ही प्राप्त हैं। दो-चार के उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में मिल जाते हैं।