दिवास्वप्न | Divasvapna के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दिवास्वप्न है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gijubhai Badheka | Gijubhai Badheka की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Gijubhai Badheka | इस पुस्तक का कुल साइज 5 MB है | पुस्तक में कुल 94 पृष्ठ हैं |नीचे दिवास्वप्न का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दिवास्वप्न पुस्तक की श्रेणियां हैं : children
Name of the Book is : Divasvapna | This Book is written by Gijubhai Badheka | To Read and Download More Books written by Gijubhai Badheka in Hindi, Please Click : Gijubhai Badheka | The size of this book is 5 MB | This Book has 94 Pages | The Download link of the book "Divasvapna" is given above, you can downlaod Divasvapna from the above link for free | Divasvapna is posted under following categories children |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
मुझे अपने प्रधानाध्यापक पर दया आई तमाचा मारकर पढ़ाने का काम तो दूसरे सब कर ही रहे हैं और उसका फल मैं तो यह देख रहा हूँ कि लड़के बेहद असभ्य जंगली अशान्त और अव्यवस्थित हो चुके हैं। मैंने तो यह भी देख लिया है कि इन चार वर्षों की शिक्षा में लड़कों ने मानो तालियाँ बजाना और हा हा हू हू करना ही सिखा है उन्हें अपनी पाठशाला से प्रेम तो है ही नहीं । छुट्टी का नाम सुना नहीं कि उछलते-कूदते भाग गए ।