दूर्वा दल | Durva Dal के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : दूर्वा दल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Siya Ram Sharan | Siya Ram Sharan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Siya Ram Sharan | इस पुस्तक का कुल साइज 02.0 MB है | पुस्तक में कुल 119 पृष्ठ हैं |नीचे दूर्वा दल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दूर्वा दल पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Durva Dal | This Book is written by Siya Ram Sharan | To Read and Download More Books written by Siya Ram Sharan in Hindi, Please Click : Siya Ram Sharan | The size of this book is 02.0 MB | This Book has 119 Pages | The Download link of the book "Durva Dal" is given above, you can downlaod Durva Dal from the above link for free | Durva Dal is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
अहा एक दिन दया तुम्हारी मैंने पाई, ऊपर वह घन-घटा-रूप में दो दिखलाई द्रवित हुए तुम, बरस पड़े बस सकरुण होकर, मैं कृतार्थ हो गई मलिनता अपनी धोकर । 'छाकर करुणा-मेघ तुम्हारा घहरा ज्यों ही, सहसा चारो ओर हुआ परिवर्तन त्यो हो । झुलसे-से जड़ शुन्य ठौर पर सारे तन में धूलि लेप कर, रुद्ध भाव से थी नर्तन में रत जो झंझा-वात, दौड़, रुक कर, चिल्ला कर, स्निग्ध-शान्त हो उठी सरस सौरभ वह पाकर ।