एकलव्य | Ekalavya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : एकलव्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Ramkumar Verma | Dr. Ramkumar Verma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. Ramkumar Verma | इस पुस्तक का कुल साइज 10 MB है | पुस्तक में कुल 318 पृष्ठ हैं |नीचे एकलव्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | एकलव्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Ekalavya | This Book is written by Dr. Ramkumar Verma | To Read and Download More Books written by Dr. Ramkumar Verma in Hindi, Please Click : Dr. Ramkumar Verma | The size of this book is 10 MB | This Book has 318 Pages | The Download link of the book "Ekalavya" is given above, you can downlaod Ekalavya from the above link for free | Ekalavya is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
एकलव्य ने जीवन से संघर्ष लेना सीखा है | निषादराज का पुत्र होने के कारण वह शिक्षित और सु-संस्कृत है | बार-बार 'निषाद' शब्द से सम्बोधित होकर भी वह अपनी मर्यादा में स्थित है | उसने प्रतिकूल परिस्थतियों में भी अपने जीवन की दिशा नहीं बदली और धनुर्वेद में अद्वितीय ; 'लालच' प्राप्त किया जब आचार्य द्रोण ने उससे