गायत्री के चौदह रत्न | Gayatri Ke Chaudah Ratan

गायत्री के चौदह रत्न | Gayatri Ke Chaudah Ratan

गायत्री के चौदह रत्न | Gayatri Ke Chaudah Ratan

गायत्री के चौदह रत्न | Gayatri Ke Chaudah Ratan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : गायत्री के चौदह रत्न है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pt. Shreeram Sharma Acharya | Pt. Shreeram Sharma Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 3.5 MB है | पुस्तक में कुल 89 पृष्ठ हैं |नीचे गायत्री के चौदह रत्न का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गायत्री के चौदह रत्न पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Gayatri Ke Chaudah Ratan | This Book is written by Pt. Shreeram Sharma Acharya | To Read and Download More Books written by Pt. Shreeram Sharma Acharya in Hindi, Please Click : | The size of this book is 3.5 MB | This Book has 89 Pages | The Download link of the book "Gayatri Ke Chaudah Ratan" is given above, you can downlaod Gayatri Ke Chaudah Ratan from the above link for free | Gayatri Ke Chaudah Ratan is posted under following categories dharm |

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पुस्तक का साइज : 3.5 MB
कुल पृष्ठ : 89

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ईश्वर सर्वव्यापी है। इसलिए वह एकदेशीय नहीं हो सकता वह परमात्मा अरूप है इसलिए निराकार है। फिर भी यह सब पसारा उसी का होने से, सबमें समाया होने से साकार है। किन्हीं महापुरुषों में उसकी विशेष शक्तियाँ, विशेष कलाएँ होती हैं तो उन्हें उतनी कलाओं का अवतार कहते हैं। परशुराम जी में तीन कलाएँ, राम में बारह कलाएँ, कृष्ण में सोलह कलाएँ बताई गई हैं। एक ही समय में कई अवतार कई महापुरुष हो सकते हैं।

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