घर – कीमत कम कैसे करें : लौरी बेकर हिंदी पुस्तक | Houses – How To Reduce Building Costs : Laurie Baker Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : घर – कीमत कम कैसे करें है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arvind Gupta | Arvind Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Arvind Gupta | इस पुस्तक का कुल साइज 0.97 MB है | पुस्तक में कुल 52 पृष्ठ हैं |नीचे घर – कीमत कम कैसे करें का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | घर – कीमत कम कैसे करें पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, others
Name of the Book is : Houses – How To Reduce Building Costs | This Book is written by Arvind Gupta | To Read and Download More Books written by Arvind Gupta in Hindi, Please Click : Arvind Gupta | The size of this book is 0.97 MB | This Book has 52 Pages | The Download link of the book "Houses – How To Reduce Building Costs" is given above, you can downlaod Houses – How To Reduce Building Costs from the above link for free | Houses – How To Reduce Building Costs is posted under following categories Knowledge, others |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
परिसथितियों के माफिक हैं और सथानीय भवन-सामगरी का कुशल उपयोग करते हैं। दुरभागयवश लकड़ी - जो केरल में घर बनाने का मुखय आधार थी - अब दुरलभ व महंगी हो गई है। इसलिए हमें नए सामान तथा तकनीकों को अपनाना पड़ेगा। बेकर एक अंगरेज परिवार में जनमे। वासतुशिलप में डिगरी लेने के बाद वह भारत आए और सवतंतरता परापति से पहले उनहोंने कुछ ऑरसे गांधी जी के साथ काम किया। निशचित ही उसी दौरान शरी बेकर में गरीबों के परति परेम और सेवा की भावना पनपी। विवाह के बाद वह केरल में ही बस गए जहां पिछले कई सालों से वे ससते और सुंदर मकान डिजायन कर रहे हैं और बना रहे हैं। ससती लागत के घरों पर लिखी इस छोटी पुसतक में उनके लंबे तजुरब और विविध अनुभवों का निचोड़॒है। पाठक खुद देख सकते हैं कि उनका नजरिया कितना वयावहारिक है और मिटटी से जुड़ा है। एक मूल बात बेकर बार-बार दोहराते हैं - घर मालिक खुद इस बात का निरणय ले कि वह कैसा घर चाहता है न कि इंजीनियर। इंजीनियर सिरफ मकान का खाका बनाए। आदमी को घर बनाते वकत अपनी और घरवालों की असली जरूरतों को नजर में रखना चाहिए। उसे गली-नुककड़ या पास-पड़ोसी के फैशनेबिल घरों को देखकर बहकना नहीं चाहिए। उसके बाद वह उन तमाम वैकलपिक ससते सामानों और तकनीकों को चुने जिनका शरी बेकर ने इस पुसतक में विवेचन किया है। इसके बाद ही इंजीनियर का काम शुरू होगा। इस पुसतक में सुझाई तकनीक गरीब-से-गरीब लोग भी अपना पाएंगे और उसका लाभ उठा पाएंगे। विशेषकर केरल के लोगों के लिए यह पुसतक बहुत उपयोगी होगी। सी. अचयुत मेनन भूतपूरव मुखयमंतरी केरल तथा चेयरमैन कासटफोरड 25 मई 1986 तरिचूर केरल भारत।