गुनाह के फूल | Gunah Ke Phool

गुनाह के फूल | Gunah Ke Phool

गुनाह के फूल | Gunah Ke Phool के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : गुनाह के फूल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gulshan Nanda | Gulshan Nanda की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2 MB है | पुस्तक में कुल 112 पृष्ठ हैं |नीचे गुनाह के फूल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गुनाह के फूल पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Gunah Ke Phool | This Book is written by Gulshan Nanda | To Read and Download More Books written by Gulshan Nanda in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2 MB | This Book has 112 Pages | The Download link of the book "Gunah Ke Phool " is given above, you can downlaod Gunah Ke Phool from the above link for free | Gunah Ke Phool is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 2 MB
कुल पृष्ठ : 112

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

सुशीन ने उत्तर देने से पहले डिब्बे में चारों ओर दृष्टि दौड़ाई । कमरा खचाखच भरा हुआया, जात-पास सब सीटें भरी हुई थीं । उसने भालोचित दृष्टि से क्षण भर के लिए उस व्यक्ति का निरीक्षण दिया । लम्बा-चौड़ा सुडौल शरीर, वासनामयी मोटी आँखें और उलझे हुए घाल'''खाकी ज़ीन की पतलून पर चमड़े की चौड़ी पेटी लगाए वह उसे निरन्तर पूरे जा रहा था। वेदा-भूपा और हाव-भाव से यह अच्छा व्यक्ति प्रतीत न होता था । सुशील उसकी सूरत देख फर कपि गई । वह सोच हो रही थी |

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.