गुरु अंगद देव जी | Guru Angad Dev Ji के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गुरु अंगद देव जी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Jasbeer Singh | Jasbeer Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Jasbeer Singh | इस पुस्तक का कुल साइज 300 KB है | पुस्तक में कुल 31 पृष्ठ हैं |नीचे गुरु अंगद देव जी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गुरु अंगद देव जी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, dharm
Name of the Book is : Guru Angad Dev Ji | This Book is written by Jasbeer Singh | To Read and Download More Books written by Jasbeer Singh in Hindi, Please Click : Jasbeer Singh | The size of this book is 300 KB | This Book has 31 Pages | The Download link of the book "Guru Angad Dev Ji " is given above, you can downlaod Guru Angad Dev Ji from the above link for free | Guru Angad Dev Ji is posted under following categories Knowledge, dharm |
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चौधरी तख्तमल की बेटी समराई जी जिन का घरेलू नाम विराई था फेरूमल जी की मुँह बोली बहन थी। अतः वह अपने भतीजे लहणा से बहुत स्नेह करती थी। उनका विवाह खड़र नगर के एक सम्पन्न परिवार के चौधरी महमे के साथ हो गया। कुछ समय के पश्चात बुआ विराई जी ने अपने भतीजे लहणा जी का विवाह भी खडूर से दो मील की दूरी पर स्थित संधार गांव के एक समृद्ध परिवार देवी चन्द मरवाहा की सूपुत्री कुमारी खेमवती के साथ करवा दिया जिन का घरेलू नाम खीवी जी था।