गुरु परताप साध की संगति | Guru Partap Sadh Ki Sangati के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गुरु परताप साध की संगति है | इस पुस्तक के लेखक हैं : osho | osho की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : osho | इस पुस्तक का कुल साइज 1.73 MB है | पुस्तक में कुल 255 पृष्ठ हैं |नीचे गुरु परताप साध की संगति का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गुरु परताप साध की संगति पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Guru Partap Sadh Ki Sangati | This Book is written by osho | To Read and Download More Books written by osho in Hindi, Please Click : osho | The size of this book is 1.73 MB | This Book has 255 Pages | The Download link of the book "Guru Partap Sadh Ki Sangati" is given above, you can downlaod Guru Partap Sadh Ki Sangati from the above link for free | Guru Partap Sadh Ki Sangati is posted under following categories dharm, Spirituality -Adhyatm |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
सद्गुरु का संदेश क्या है फिर सद्गुरु कोई भी हो-गुलाल हो, कवीर हो कि नानक, मंसूर हो, राबिया कि जलालुद्दीन-कुछ भेद नहीं पड़ता। सद्गुरुओं के ना म ही अलग हैं, उनका स्वर एक, उनका संगीत एक; उनकी पुकार एक, उनका आवाहन एक; उनकी भाषा अनेक होंगी मगर उनका भाव अनेक नहीं। जिसने ए क सद्गुरु को पहचाना उसने सारे सद्गुरुओं को पहचान लिया-अतीत के, वर्तमा न के भी, भविष्य के भी सद्गुरु में समय के भेद मिट जाते हैं-जो पहले हुए हैं|