ग्वालियर राज्य के प्राचीन मूर्तिकला | Gwalior Rajya Ke Prachin Murtikala के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : ग्वालियर राज्य के प्राचीन मूर्तिकला है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Harihar Nivas | Harihar Nivas की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Harihar Nivas | इस पुस्तक का कुल साइज 04.0 MB है | पुस्तक में कुल 68 पृष्ठ हैं |नीचे ग्वालियर राज्य के प्राचीन मूर्तिकला का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ग्वालियर राज्य के प्राचीन मूर्तिकला पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge
Name of the Book is : Gwalior Rajya Ke Prachin Murtikala | This Book is written by Harihar Nivas | To Read and Download More Books written by Harihar Nivas in Hindi, Please Click : Harihar Nivas | The size of this book is 04.0 MB | This Book has 68 Pages | The Download link of the book "Gwalior Rajya Ke Prachin Murtikala " is given above, you can downlaod Gwalior Rajya Ke Prachin Murtikala from the above link for free | Gwalior Rajya Ke Prachin Murtikala is posted under following categories history, Knowledge |
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मतकला के विवेचन में इतिहास की पृष्ठभूमि का दिग्दर्शन कराना आवश्यक हो जाता है। ऐसा करते समय मेने अपनी पुस्तक 'ग्वालियर के अभिलेख तथा अन्य इतिहासज्ञ विद्वानों की कृतियों से सहायता ली है। इनमें से श्री जयचन्द्रजी विद्यालंकार की ‘भारतीय इतिहास की रूपरेखा तथा स्वर्गीय डॉ० श्री० काशीप्रसादजी जायसवाल की 'अन्धकारपगीन भारत विशेष उल्लेखनीय हैं। अन्य पुस्तकों का उल्लेख यथास्थान पाद-टिप्पणियों में हैं। इस प्रदेश के प्रान्तीय इतिहास के विषय में विशेष नवीन सोन का अंश भी इस पुस्तक के अगले अंश में ही है, यद्यपि गुप्तकाल तक के प्रादेशिक इतिहास के ज्ञान में भी इससे पुस्तक द्वारा कुछ वृद्धि हुई है।