हिन्दी जैन – भक्ति काव्य और कवि | Hindi Jain – Bhakti Kavya Aur Kavi

हिन्दी जैन – भक्ति काव्य और कवि | Hindi Jain – Bhakti Kavya Aur Kavi

हिन्दी जैन – भक्ति काव्य और कवि | Hindi Jain – Bhakti Kavya Aur Kavi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हिन्दी जैन – भक्ति काव्य और कवि है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Kaka Kalelkar | Acharya Kaka Kalelkar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 40.76 MB है | पुस्तक में कुल 530 पृष्ठ हैं |नीचे हिन्दी जैन – भक्ति काव्य और कवि का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिन्दी जैन – भक्ति काव्य और कवि पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Hindi Jain – Bhakti Kavya Aur Kavi | This Book is written by Acharya Kaka Kalelkar | To Read and Download More Books written by Acharya Kaka Kalelkar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 40.76 MB | This Book has 530 Pages | The Download link of the book "Hindi Jain – Bhakti Kavya Aur Kavi" is given above, you can downlaod Hindi Jain – Bhakti Kavya Aur Kavi from the above link for free | Hindi Jain – Bhakti Kavya Aur Kavi is posted under following categories literature |

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पुस्तक का साइज : 40.76 MB
कुल पृष्ठ : 530

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हमारे देश में वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध, जैन, लिंगायत, सिख आदि धर्मके अनेक पन्थ प्रसिद्ध है। मेरे मन ये केवल धर्म पन्थ नहीं है ये तो अध्यात्मप्रवण संस्कृति की अलग-अलग धाराएँ भी है। इनके दार्शनिक विचार और विचारभेद का अध्ययन करके हमें सन्तोष नहीं मानना चाहिए। मानवी जीवन को विशुद्ध, समृद्ध और कृतार्थ करने के इन विविध और जीवनव्यापी प्रयत्नों का अध्ययन हमें संस्कृतिको दृष्टि से भी करना चाहिए। तब जाकर इन महान् पन्थोंको मानव-सेवा का हमे यथार्थ खयाल आयेगा।

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