हिंदी व्याकरण | Hindi Vyakaran के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हिंदी व्याकरण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Kamta Prasad Guru | Kamta Prasad Guru की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Kamta Prasad Guru | इस पुस्तक का कुल साइज 41.0 MB है | पुस्तक में कुल 756 पृष्ठ हैं |नीचे हिंदी व्याकरण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिंदी व्याकरण पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, education
Name of the Book is : Hindi Vyakaran | This Book is written by Kamta Prasad Guru | To Read and Download More Books written by Kamta Prasad Guru in Hindi, Please Click : Kamta Prasad Guru | The size of this book is 41.0 MB | This Book has 756 Pages | The Download link of the book " Hindi Vyakaran " is given above, you can downlaod Hindi Vyakaran from the above link for free | Hindi Vyakaran is posted under following categories Knowledge, education |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
इन तीनों के शुभचिंतकों के लिये तीनों की स्मृति, संचित कर्मों के - परिणाम से, दुःखमय हुई। जयसिंह जी का स्वर्गवास सत्रह वर्ष की अवस्था में हुआ । सरी पुजा, सब शुभचिंतक, संबंधी, मित्र और गुरुजनों का हृद्य आज भी उस आँच से जल ही रहा है। अश्वत्थामा के व्रण की तरह यह घाव कभी भरने का नहीं। ऐसे आशामय जीवन का ऐसा निराशात्मक परिणाम कदाचित् ही हुआ हो। श्रीसूर्यकुमारी जी को एकमात्र भाई के वियोग की ऐसी ठेस लगी कि दो ही तीन वर्ष में उनका शरीरांत हुआ।