हिरण की आँखें | Hiran Ki Aakhen के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हिरण की आँखें है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 2.5 MB है | पुस्तक में कुल 164 पृष्ठ हैं |नीचे हिरण की आँखें का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिरण की आँखें पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Hiran Ki Aakhen | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 2.5 MB | This Book has 164 Pages | The Download link of the book "Hiran Ki Aakhen " is given above, you can downlaod Hiran Ki Aakhen from the above link for free | Hiran Ki Aakhen is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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श्रनन्दी बच्ची होती तो उसे ले जाते। वह थी जवान, भारी लड़की शान्ति व्यवस्था सुझाता कहने लगामैं सिर कन्धे पर लटकाये लेता हैं। 27 तु कन्धों पर जान ले । यहाँ मेलेवाले देखेगे, यह ठीक बात नहीं । कह कर वह उसे उठाने लगा। मैंने भी उसका हुक्म मान लिया, अनिन्दी एक रंगीन घाँघरा पहने थी। चार बार वह चलने में हिलने लगता। बड़ा अटपटा लगता । उलझन में उसने डाल दिया सारे शरीर का बोझ जैसे वहीं आ जमा था ।