हम करें क्या | Hum Kre Kya

हम करें क्या | Hum Kre Kya

हम करें क्या | Hum Kre Kya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हम करें क्या है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Hansraj | Shri Hansraj की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 14.3 MB है | पुस्तक में कुल 386 पृष्ठ हैं |नीचे हम करें क्या का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हम करें क्या पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Hum Kre Kya | This Book is written by Shri Hansraj | To Read and Download More Books written by Shri Hansraj in Hindi, Please Click : | The size of this book is 14.3 MB | This Book has 386 Pages | The Download link of the book " Hum Kre Kya" is given above, you can downlaod Hum Kre Kya from the above link for free | Hum Kre Kya is posted under following categories Poetry |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 14.3 MB
कुल पृष्ठ : 386

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

कितनों ही ने तो यह निदान निकाला कि टॉल्स्टाय ने जबसे मांसाहार छोड़ा तभी से उनकी कला का आवेश धीमा पड गया और प्रतिभा क्षीण हो गई। संसार-सुधार का मार्ग छोड़कर उसने जगलीपन को ही आदर्श मान लिया। इस प्रकार के अनेक आक्षेपो का टॉल्स्टाय ने इस पुस्तक में जबरदस्त निराकरण किया है। किंतुलोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पणं किं करिष्यति' तटस्थ रहकर विचार करनेवाला टॉल्स्टाय का चरित्र-लेखक मूड ठीक ही कहता है

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.