रुसी कहानी-संग्रह | Jain Pujanjali

रुसी कहानी-संग्रह |  Jain Pujanjali

रुसी कहानी-संग्रह | Jain Pujanjali के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : रुसी कहानी-संग्रह है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Kantichandra Sounriksa | Kantichandra Sounriksa की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 5 MB है | पुस्तक में कुल 199 पृष्ठ हैं |नीचे रुसी कहानी-संग्रह का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | रुसी कहानी-संग्रह पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Rusi Kahani Sangrah | This Book is written by Kantichandra Sounriksa | To Read and Download More Books written by Kantichandra Sounriksa in Hindi, Please Click : | The size of this book is 5 MB | This Book has 199 Pages | The Download link of the book "Rusi Kahani Sangrah " is given above, you can downlaod Rusi Kahani Sangrah from the above link for free | Rusi Kahani Sangrah is posted under following categories literature |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 5 MB
कुल पृष्ठ : 199

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हिंदी के पाठकों के लिए रूमी साहित्य विशेष महत्व रख्नता है। कारण कि रूसी जीवन और भारतीय जीवन में बहुत कुछ समानता है, अंतर और बाह्य दोनों ने ही। जरासिम, वानकी. सेमीयोन, मूहीक और अक्जियोनोव आपको भी पग-पग पर अपने जीवन में मिलेंगे। भारतीय और रूसी अभिजात्य वगों में कुछ अाशिक विभिन्नता । सकती है, किंतु दोनों देशों के मध्य तथा निग्न बर्गों में अद्भुत साम्य है। इस कारण जहां अापका अंग्रेजी, फ्रांसीसी अथवा अन्य किसी विदेशीय जीवन की कनियो में अभिव्यक्त जीवन को समझने में कुछ कठिनाई होती है, वहीं रूसी जीवन की कहानियाँ समझने में नहीं ।

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