जीवन कण | Jivan Kan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : जीवन कण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Raghuvir Singh | Raghuvir Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Raghuvir Singh | इस पुस्तक का कुल साइज 17 MB है | पुस्तक में कुल 183 पृष्ठ हैं |नीचे जीवन कण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जीवन कण पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry, Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Jivan Kan | This Book is written by Raghuvir Singh | To Read and Download More Books written by Raghuvir Singh in Hindi, Please Click : Raghuvir Singh | The size of this book is 17 MB | This Book has 183 Pages | The Download link of the book "Jivan Kan" is given above, you can downlaod Jivan Kan from the above link for free | Jivan Kan is posted under following categories Poetry, Spirituality -Adhyatm |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
सत, चित और आनन्द, तीनों उसमें एक साथ पाये जाते है; 'सत्यं शिवं सुन्दरं" के स्वरूप में ही ये तीनों गुण क्रमश: प्रस्फुतिक होते है और उनको प्राप्त करने के लिए कर्म, ज्ञान और उपासना ही एकमात्र उपाय है। किन्तु जहाँ सत, सत्य तथा कर्म में, जीवन की कठोरता स्पष्ट देख पड़ती है, चित शिवम् और ज्ञान में दुरुहता तथा सात्विक रक्षता का अनुभव होता है