तीन सन्देश | Teen Sandesh

तीन सन्देश | Teen Sandesh

तीन सन्देश | Teen Sandesh के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : तीन सन्देश है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Shri Tulsi | Acharya Shri Tulsi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 551 KB है | पुस्तक में कुल 54 पृष्ठ हैं |नीचे तीन सन्देश का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | तीन सन्देश पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Teen Sandesh | This Book is written by Acharya Shri Tulsi | To Read and Download More Books written by Acharya Shri Tulsi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 551 KB | This Book has 54 Pages | The Download link of the book " Teen Sandesh " is given above, you can downlaod Teen Sandesh from the above link for free | Teen Sandesh is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 551 KB
कुल पृष्ठ : 54

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

ज्ञात ही जो गोद समस्या विषम बन जाये तो उसपे अतस्तत्त्व यो देंढ़ निगालोकी चेष्टा करना, मप सुलझानेपा सबसे सरल उपाय है। राष्ट्र भाग्य विधावाने वर्तमान परिस्थितिको सरल फ्रने लिए जिन धारणका अन्यपण रिया है, उनमें यह प्रमुख पारण मी इनौ नरमे आ गया हो-दस पर मुझे सद्द है और बड मारण ऐसा है कि इस अन्वेषण क्येि विना और और अन्धपित पारण इष्ट कार्य सिद्धिये टिश ममर्थ हो सकेंगे, यह नहीं कहा जा सकता । अब तर पिस शान्ति षायी और भ्यान नहीं दिया गया, वह है अभ्यात्मिदवी ओर जानेपाली उगसानता । अभ्यात्मवाद सिवाय लारसापो सीमित करने और कोई भी समर्थ पास नहीं हैं। खासी पद्द भी इयत्ता नहीं, यह अनन्त है। जैसा कि भगवाए महावीरने फरमाया हैहिमायके समान थप असरन्य पदो-सोनेॐ पद्दाइ हाथ ग जाय वो भी लालची मोप्य उससे जरा भी तृप्त नहीं होता किं मासी कृष्णा नाशके समान अनन्त है । जव वेझ सबै ढोग स्पतन्त्र रदयसे नालसा अवरोध न करेंगे तन तक ये समाजयादा सगथी करनेवाले दो, चाई साम्यवादका सम्मान करने वाले हो, थाई जनतन्त्री मन्त्रणा नेपाले हो, चाहे शौर,और मौद्धित या पित्रोदारी वरपना परमेयाल KI, थट्स अमन चैन मी कामनायो सफल नहीं बना पते । इमरिए अध्यात्मवाद और निगाह दाना सबसे अधिर आवश्यक है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.