कला की ओर | Kala Ki Or

कला की ओर | Kala Ki Or

कला की ओर | Kala Ki Or के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कला की ओर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Profesar M. K. Verma | Profesar M. K. Verma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 12.3 MB है | पुस्तक में कुल 215 पृष्ठ हैं |नीचे कला की ओर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कला की ओर पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Kala Ki Or | This Book is written by Profesar M. K. Verma | To Read and Download More Books written by Profesar M. K. Verma in Hindi, Please Click : | The size of this book is 12.3 MB | This Book has 215 Pages | The Download link of the book "Kala Ki Or" is given above, you can downlaod Kala Ki Or from the above link for free | Kala Ki Or is posted under following categories literature |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 12.3 MB
कुल पृष्ठ : 215

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इन मनोगत चित्रों से, जो मनुष्य को आस-पास के वातावरण की सौन्दर्य पूर्ण घटनाओं और हलचलों में सब से अधिक प्रिय लगे, सौन्दर्य-चयन का प्रश्न उपस्थित हुआ। सरिता में पड़ती हुई भंवरों, झरनों की प्रवाहमय गति, मृगों की छलाँग, बिल्ली की उठी हुई पूछ आदि में उसे सहज ही आकर्षण प्रतीत होने लगा आरम्भ में मनुष्य का अनुभव थोड़ा था और उसका विस्तार भी अधिक नहीं था। अब ज्यों-ज्यों उसकी वृद्धि होने लगी उसके अनुभव का क्षेत्र भी बढ़ गया ।

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