कालिदास की कला और संस्कृत | Kalidas Ki Kala Or Sanskrit

कालिदास की कला और संस्कृत | Kalidas Ki Kala Or Sanskrit

कालिदास की कला और संस्कृत | Kalidas Ki Kala Or Sanskrit के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कालिदास की कला और संस्कृत है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 52.2 MB है | पुस्तक में कुल 564 पृष्ठ हैं |नीचे कालिदास की कला और संस्कृत का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कालिदास की कला और संस्कृत पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Kalidas Ki Kala Or Sanskrit | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 52.2 MB | This Book has 564 Pages | The Download link of the book "Kalidas Ki Kala Or Sanskrit " is given above, you can downlaod Kalidas Ki Kala Or Sanskrit from the above link for free | Kalidas Ki Kala Or Sanskrit is posted under following categories Poetry |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 52.2 MB
कुल पृष्ठ : 564

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लोक-मंगल की साधनावस्था जिस काव्य में निहित होती है वही लोकप्रिय काव्य होता है । वास्तव में दर्शन और काव्य, कला और संस्कृति का सम्बन्ध मस्तिष्क और हृदय का है । दोनों का लक्ष्य सत्य-परक है । सत्य की पगडण्डियों पर जिन जिज्ञासाओं का शमन दर्शन करता है, काब्य उन्ही जिज्ञासाओं को कोमल एवं मनोरम शैली में मधुमती भूमिका बना कर शमित करता है । दर्शन विहीन काव्य में स्थायित्व असम्भव है तभी काव्य और दर्शन के सगम को इम मानव की परममुक्ति का साधन मानते हैं।

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