कलयुग की महाप्रलय | Kalyug Ki Mahapralay

कलयुग की महाप्रलय | Kalyug Ki Mahapralay

कलयुग की महाप्रलय | Kalyug Ki Mahapralay के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कलयुग की महाप्रलय है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vijay Mehta | Vijay Mehta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 14.5 MB है | पुस्तक में कुल 77 पृष्ठ हैं |नीचे कलयुग की महाप्रलय का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कलयुग की महाप्रलय पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Kalyug Ki Mahapralay | This Book is written by Vijay Mehta | To Read and Download More Books written by Vijay Mehta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 14.5 MB | This Book has 77 Pages | The Download link of the book "Kalyug Ki Mahapralay" is given above, you can downlaod Kalyug Ki Mahapralay from the above link for free | Kalyug Ki Mahapralay is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 14.5 MB
कुल पृष्ठ : 77

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बालरूम खचाखच भरा पड़ा था। उस में नाना प्रकार की सजावट की गई थी। गुब्बारे व झंडियाँ लगी थीं।पुराने टंगे चित्र थे जिन्होंने कई वर्षों से दिन प्रतिदिन की घटनाओं को मौन हो निहोरा था जो केवल एक नये दर्शक को ही लुभावनी लग सकती थीं । सारे हाल में लगी बिजली चकाचौंध कर देने वाली थी । उसकी रोशनी में लाल फर्नीचर और चमकदार लग रहा था और लोगों की पीली आँखें व उदास आकृतियाँ वासना की भूख को स्पष्टतया प्रकट कर रही थीं ।

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