काशी विद्यापीठ रजत जयन्ती | Kashi Vidhya Pith Rajat Jayanti के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : काशी विद्यापीठ रजत जयन्ती है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rajaram Shastri | Rajaram Shastri की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Rajaram Shastri | इस पुस्तक का कुल साइज 85 MB है | पुस्तक में कुल 557 पृष्ठ हैं |नीचे काशी विद्यापीठ रजत जयन्ती का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | काशी विद्यापीठ रजत जयन्ती पुस्तक की श्रेणियां हैं : Granth, history
Name of the Book is : Kashi Vidhya Pith Rajat Jayanti | This Book is written by Rajaram Shastri | To Read and Download More Books written by Rajaram Shastri in Hindi, Please Click : Rajaram Shastri | The size of this book is 85 MB | This Book has 557 Pages | The Download link of the book "Kashi Vidhya Pith Rajat Jayanti" is given above, you can downlaod Kashi Vidhya Pith Rajat Jayanti from the above link for free | Kashi Vidhya Pith Rajat Jayanti is posted under following categories Granth, history |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
आज हमारे लिए अत्यन्त हर्षका अवसर प्राप्त हुआ है कि हमने अनेक विघ्न बाधाओंको पार करके अपने जीवनके पचीस वर्ष पूरे कर लिये और इस सफलताके उपलक्षमे अपनी रजत-जयन्ती मना रहे है। इस शुभ पर्बके स्मारक स्वरूप यह अभिनन्दन ग्रन्थ उपस्थित किया जा रहा है। विद्यापीठ जैसी विद्यासंस्था और विद्या प्रेमी देशभक्तोंके सहयोग तथा पारस्परिक सद्भावनाके स्मरणार्थ इस प्रकारका प्रयत्न स्वाभाविक ही है किन्तु विद्यापीठका स्वरूप ही ऐसा है कि इसके प्रमुख कार्यकर्ताओंको महत्वपूर्ण राष्ट्रीय जिम्मेदारियोंका भी वहन करना पड़ता है। सन् १९४२ की राष्ट्रीय क्रान्तिसे निकलनेके बाद देशकी राजनीतिक घटनाओंकी प्रगति ऐसी तीव्र और महत्वपूर्ण रही कि देशका सारा ध्यान और उसकी सारी शक्ति उस ओर ही लगी रहीं ।