केश हमारा गौरव | Kesh Hamara Gaurav के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : केश हमारा गौरव है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Mahindra Singh | Mahindra Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Mahindra Singh | इस पुस्तक का कुल साइज 2.8 MB है | पुस्तक में कुल 18 पृष्ठ हैं |नीचे केश हमारा गौरव का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | केश हमारा गौरव पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Kesh Hamara Gaurav | This Book is written by Mahindra Singh | To Read and Download More Books written by Mahindra Singh in Hindi, Please Click : Mahindra Singh | The size of this book is 2.8 MB | This Book has 18 Pages | The Download link of the book "Kesh Hamara Gaurav" is given above, you can downlaod Kesh Hamara Gaurav from the above link for free | Kesh Hamara Gaurav is posted under following categories dharm, Spirituality -Adhyatm |
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ऐसे कथनों से सिद्ध होता है कि प्रारम्भ से ही केशों की महानता सिक्ख धर्म में दर्शायी गयी है, इस तरह केश सिक्खों का गौरव हैं । गुरू तेग बहादूर जी की अद्वितीय कुर्बानी के बाद साहिब श्री गुरू गोबिंद सिंघ जी ने एक ऐसे पंथ की नींव रखने का निश्चय किया जो न केवल अपनी ही रक्षा कर सके, बल्कि हर गरीब मज़लूम के लिये हर तरह की कुर्बानी करने के लिये तैयार रहे। वे अपने सिक्खों को एक अलग रूप देना चाहते हैं। जिस से हज़ारों के बीच खड़ा भी एक पहचाना जा सके। वैसाखी वाले शुभ दिन ३० मार्च १६९९ को तख्त श्री केसगढ़ साहिब (आनंदपुर) में एक अद्वितीय न्यारी तथा विलक्षण कौम की नींव रखी गयी। यह एक महान मनोवैज्ञानिक कारनामा था। यह पिछले कई सालों से तैयार हो रहे सिक्ख समाज की अन्तिम रूप रेखा थी l