केशव-ग्रंथावली खंड-3 | Keshav Granthawali Khand-3

केशव-ग्रंथावली खंड-3 | Keshav Granthawali Khand-3

केशव-ग्रंथावली खंड-3 | Keshav Granthawali Khand-3 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : केशव-ग्रंथावली खंड-3 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vishvanath prasad mishra | Vishvanath prasad mishra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 33.7 MB है | पुस्तक में कुल 394 पृष्ठ हैं |नीचे केशव-ग्रंथावली खंड-3 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | केशव-ग्रंथावली खंड-3 पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Keshav Granthawali Khand-3 | This Book is written by Vishvanath prasad mishra | To Read and Download More Books written by Vishvanath prasad mishra in Hindi, Please Click : | The size of this book is 33.7 MB | This Book has 394 Pages | The Download link of the book "Keshav Granthawali Khand-3" is given above, you can downlaod Keshav Granthawali Khand-3 from the above link for free | Keshav Granthawali Khand-3 is posted under following categories literature |


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पुस्तक का साइज : 33.7 MB
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मध्यकालीन हिंदी साहित्य में लोक-प्रसिद्ध उक्ति ने केशवदास को सूर-तुलसी के बाद तीसरा स्थान दिया, परन्तु आचार्य शुक्ल ने रीति-काव्य के प्रवर्तन का श्रेय केशव को न देकर चिन्तामणि को दिया | कवि और आचार्य के रूप में केशव से चिन्तामणि की कोई तुलना नहीं। प्रसिद्धि और प्रभाव की द्रष्टि से भी वे समस्त रीति-कवियों में सर्वोपरि स्थान रखते है

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