कूर्म पुराण भाग २ | Kurm Puran Prat 2 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : कूर्म पुराण भाग २ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shriram Sharma Acharya | Shriram Sharma Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shriram Sharma Acharya | इस पुस्तक का कुल साइज 8.14 MB है | पुस्तक में कुल 501 पृष्ठ हैं |नीचे कूर्म पुराण भाग २ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कूर्म पुराण भाग २ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Kurm Puran Prat 2 | This Book is written by Shriram Sharma Acharya | To Read and Download More Books written by Shriram Sharma Acharya in Hindi, Please Click : Shriram Sharma Acharya | The size of this book is 8.14 MB | This Book has 501 Pages | The Download link of the book "Kurm Puran Prat 2 " is given above, you can downlaod Kurm Puran Prat 2 from the above link for free | Kurm Puran Prat 2 is posted under following categories dharm |
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वहाँ पर अप्सराओं के सच नृत्य किया करती है इस शोभा से वह युवत है । वहाँ पर नाना प्रकार के गीतों के विवान के ज्ञाताओं का समुदाय रहता है जो देवगण को भी दुरंभ हैं। नाना भाँति के बिलासौ सुगम्पन्न अताव कोमल-प्रभूत चन्द्र के समान मुखो याल-नूपुरो। की ध्वनि से पूर्वा मामुको में वह समन्वित हैं। ईपना स्थित बाते सुन्दर विम्व है तुल्य ओठों से मुका-याले एवं मुग्ध मृग के समान नेत्र वाले--अशेप विभव से परिपूर्ण-शरीर के मध्य भाग व तनुती है। विभूषित–सुन्दर राजहंस के समान गनियो से-मुन्दर वेषो से-मधुर स्वनी सैसलाप और प्रताप में परम प्रवीण-दिय आभरणों से भूपित- स्तनो के भय से विशेष नम्र-भद से घृणित लोचनो-अनेक वर्षे के विचित्र अङ्गो से-नाना भोगो को रति पर प्यार करने वालों से यह दोहा सम्पन्न है |