कुवलयमाला भाग 1 | Kuvalayamala Bhag 1

कुवलयमाला भाग 1 | Kuvalayamala Bhag 1

कुवलयमाला भाग 1 | Kuvalayamala Bhag 1 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कुवलयमाला भाग 1 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Achary Jinvijay Muni | Achary Jinvijay Muni की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 23.95 MB है | पुस्तक में कुल 322 पृष्ठ हैं |नीचे कुवलयमाला भाग 1 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कुवलयमाला भाग 1 पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Kuvalayamala Bhag 1 | This Book is written by Achary Jinvijay Muni | To Read and Download More Books written by Achary Jinvijay Muni in Hindi, Please Click : | The size of this book is 23.95 MB | This Book has 322 Pages | The Download link of the book "Kuvalayamala Bhag 1" is given above, you can downlaod Kuvalayamala Bhag 1 from the above link for free | Kuvalayamala Bhag 1 is posted under following categories dharm |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 23.95 MB
कुल पृष्ठ : 322

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

अनेक वर्षोंसे जिसके प्रकाशित होने की विद्वानोंको विशिष्ट उत्कण्ठा हो रही थी, उस दाक्षिण्य चिहाङ्कित उद्द्योतन सूरिकी बनाई हुई प्राकृत महाकया कुवलयमाला, सिंधी जैन ग्रन्थमाला के ४५ वें मणिरत्नके रूपमें, आज प्रकट करते हुए मुझे अतीव हर्षानुभव हो रहा है। इस कथा ग्रन्थको इस रूपमें प्रकट करनेका आजसे कोई ४५ वर्ष पूर्व, मेरा संकल्प हुआ था। विद्वन्मतल्लिक मुनिवर्ण्य श्री पुण्यविजयजीके खर्गीय गुरुवर्य श्री चतुरविजयजी महाराजने रत्नप्रभसूरिंकृत गद्यमय संस्कृत कुवलयमाला कथाका संपादन करके भावनगरकी जैन आत्मानन्द सभी द्वारा ( सन् १९१६) प्रकाशित करनेका सर्वप्रथम सुप्रयत्न किया |

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.